पित्त (पित्ताशय) की पथरी(Gallstones)
पित्त (पित्ताशय) की पथरी(Gallstones) कोलेस्ट्रॉल, पित्त और कैल्शियम लवण से बने छोटे पत्थर होते हैं, जो आमतौर पर पित्ताशय की थैली में बनने वाले मिश्रण में होते हैं। यह पाचन तंत्र का एक सामान्य विकार हैं, और 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 15% लोगों को प्रभावित करते हैं। पित्त में पथरी बनने का कारण बनने वाली चीज़ों में पित्त में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल का क्रिस्टलीकरण और पित्ताशय की थैली के पूरी तरह से खाली न होना यह कारण होता है।
पित्त पथरी का आकार रेत के दाने जितना छोटा से लेकर गोल्फ की गेंद जितना बड़ा हो सकता है। पित्त पथरी के लक्षणों में पेट और पीठ में दर्द। कंधे के ब्लेड के बीच पीठ दर्द, दाहिने कंधे में दर्द, पीलिया,मतली और उल्टी शामिल होते हैl
पित्त (पित्ताशय) की पथरी का होम्योपैथिक इलाज, उपचार और दवा(Homeopathic Medicine, Treatment and Remedies for Gallstones in Hindi)
पित्ताशय की पथरी समस्या पर होम्योपैथी में कई प्रभावी दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन चयन मानसिक और शारीरिक लक्षणों को देखते हुए रोगी की व्यक्तिगतता पर निर्भर करता है।
- एतिस्ता इंडिका :नाभि के चारों ओर शूल का दर्द जो रोगी को बेहोश कर देता है। खाने के बाद दर्द बढ़ जाता है और मलत्याग से राहत मिलती है । मतली सुबह में बढ़ जाती है। कुत्तों की भूख और मिठाइयों की इच्छा । मुँह में कड़वा स्वाद ।
- बेल्लादोन्ना BELLADONNA :सभी इंद्रियों का हाइपरस्टीसिया। तीव्र पित्त पथरी शूल के लिए।
- बर्बेरिस वल्गरिस : शूल, पित्ताशय से पेट तक दर्द, दबाव बढ़े । पित्ताशय में तेज, चिलकन दर्द । यह गुर्दे की शूल के लिए भी एक उत्कृष्ट उपाय है।
- कैलकेरिया कार्बोनिका: यदि आपके पास गुर्दे और पित्ताशय की समस्याओं, उच्च ट्राइग्लिसराइड्स और वजन का पारिवारिक इतिहास है, तो यह दवा निर्धारित की जाती है।
- नैट्रम सल्फ्यूरिकम: रोगी को पुराने दस्त, पित्त, दमा, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, फैट, मोटापा और जोड़ों की समस्या जैसी कोई भी समस्या हो सकती है। ऐसे मामलों में नैट्रम सल्फ्यूरिकम दिया जाता है।
- कार्डस मैरिएनस : बढ़े हुए जिगर के साथ पित्त पथरी के रोग। पीलिया। दर्दनाक कोमलता के साथ पित्ताशय की सूजन। जिगर में चिलकन, बायीं करवट लेटने से अधिक । सुनहरे पीले रंग का मूत्र । पित्त-पथरी की पुनरावृत्ति को रोकने के लिये।
- चेलिडोनियम मैजस CHELIDONIUM MAJUS : पित्ताशय की थैली का दर्द। पित्ताशय की रुकावट से पीलिया। उल्टी, मिट्टी के रंग का मल। पीली जीभ। जिगर के क्षेत्र में दर्द, पीठ और कंधे की ओर दर्द । जिगर से दर्द, नाभि से होते हुए आंतों में तेजी से बढ़ना ।
- क्लोरोफार्म : पित्त पथरी का दर्द। तेज दर्द, मानो पित्ताशय फट जाएगा। Cholesterinum, कोलोसिंथिस, डायोस्कोरिया विलोसा,हाइड्रैस्टिस कैनाडेन्सिस,मॉर्गन गार्टनर आदी दवाए भी दि जाती है l अपने होम्योपैथिक डॉक्टर कि सलाह जरूर लेl
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