पेट संबंधी विकार(Stomach Disorders) – उन्हें कैसे रोका जा सकता है?

Stomach-Disorders

आजकल पेट की समस्याएँ दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। पेट संबंधी विकारों के विभिन्न कारण हो सकते हैं। लेकिन बदलती जीवनशैली, बढ़ते प्रदूषण, गलत खान-पान, नशे की लत, अस्वच्छता, अपर्याप्त नींद और मानसिक बीमारी के कारण आपके पेट का स्वास्थ्य(Stomach Disorders) बिगड़ने की संभावना अधिक है। पेट  हमेशा प्राकृतिक रूप से साफ होना चाहिये ।

पाचन क्रिया ठीक न होने पर कब्ज, आंतों में सूजन (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम) या पित्त (एसिडिटी) जैसी बीमारियां हो सकती हैं। वर्तमान में 20 से 45 वर्ष की आयु के रोगियों में पेट की बीमारियों(Stomach Disorders) से पीड़ित होने की अधिक संभावना होती है। वयस्कों में भी पाचन संबंधी बीमारियाँ देखी जाती हैं। अपच, गैस, सूजन जैसी शिकायतें देखने को मिलती हैं। जैसे-जैसे उम्र के साथ जोड़ धीमे होते जाते हैं, वैसे-वैसे मल त्याग की गति भी धीमी होती जाती है।  इससे पेट फूला हुआ महसूस होता है. पेट भारी हो जाता है और कब्ज होने लगती है। धीमी गति से पेट या पेट जल्दी खाली नहीं होता।

इसलिए खाने के काफी देर बाद भी पेट भरा-भरा लगता है और भूख नहीं लगती। कई बार सही और समय पर निदान न होने के कारण पेट की बीमारियाँ बिगड़ जाती हैं और फिर बड़ी सर्जरी करनी पडती है। गलतफहमी और लापरवाही से पेट संबंधी विकार का खत्रा बढ जाता है। इसलिये   होम्योपैथिक उपचार से  पेट संबंधी विकार(Stomach Disorders) पर इलाज संभव है l 

 पेट संबंधी विकार(Stomach Disorders) के लिए होम्योपैथिक उपचार – 

  1. नक्स वोमिका: पेट की विभिन्न समस्याओं के इलाज में होम्योपैथिक दवा नक्स वोमिका काफी मददगार है।  नक्स वोमिका भी कब्ज के लिए , शौच करने की लगातार इच्छा होना ,खाने के बाद पेट में भारीपन और वजन की अनुभूति से राहत देने के लिए होम्योपैथिक दवा  उपयोग किया जाता है।
  2. पल्सेटिला: वसायुक्त भोजन खाने के बाद समस्याओं से निपटने के लिए पल्सेटिला सबसे अच्छी होम्योपैथिक दवा है। इस दवा की आवश्यकता वाले अधिकांश रोगियों में प्यास का पूर्ण अभाव होता है। दस्त के इलाज के लिए होम्योपैथिक दवा पल्सेटिला का भी उपयोग किया जा सकता है।
  3. लाइकोपोडियम: जब पेट भरा हुआ महसूस होता है और बहुत कम खाने पर भी पेट फूल जाता है तो होम्योपैथिक दवा लाइकोपोडियम  उपयोगी  उपचार है। 

होम्योपैथिक दवाएं कार्बो वेज, लाइकोपोडियम और चाइना पाचन विकारों के लिए प्राकृतिक उपचार हैं जो पेट में गैस के इलाज में बहुत प्रभावी हैं। जब पेट के ऊपरी हिस्से में गैस हो और डकार आ रही हो तो कार्बो वेज सबसे अच्छा होम्योपैथिक उपचार है जिससे थोड़ी राहत मिल सकती है। लाइकोपोडियम पेट के निचले हिस्से में गैस का होम्योपैथिक इलाज है। पूरा पेट गैस से भरा हो और फूला हुआ हो तो होम्योपैथिक दवा चाइना सर्वोत्तम परिणाम देती है।रोबिनिया, नैट्रम फॉस और नक्स वोमिका सीने में जलन और एसिडिटी के साथ पेट और पाचन संबंधी समस्याओं का होम्योपैथिक उपचार मे दी जाती है l होम्योपैथिक दवा रोबिनिया पाचन विकारों के लिए एक प्रभावी उपचार साबित होती है l

 पेट संबंधी विकार के लिए  होम्योपैथिक उपचार असरदार होते है l  मरीज के स्वास्थ का इतिहास देखके इसपे इलाज संभव हैl  इसलिये होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह लेना उचित है l

होमियो केयर क्लिनिक:

डॉ. वसीम चौधरी अपनी टीम के साथ विभिन्न विकारों के कई रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। डॉ. वसीम चौधरी पुणे के एक प्रसिद्ध होम्योपैथ और सर्वश्रेष्ठ होम्योपैथी चिकित्सक हैं। उन्होंने अपनी विशेषज्ञ टीम के साथ होमियो केयर क्लिनिक शुरू किया है। होम्योपैथी क्लीनिक की यह श्रृंखला पूरे पुणे में फैली हुई है। इसमें विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञ डॉक्टर इलाज करते हैं। यदि आप अधिक जानकारी चाहते हैं, तो आज ही पुणे में केंद्र मे भेट दे सकते है l